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Thursday, June 10, 2021

पढ़िए डॉ० कलीम कैसर बलरामपुरी की मशहूर ग़ज़ल ......

 


     पढ़िए डॉ० कलीम कैसर बलरामपुरी की ग़ज़ल .......

 

 मिट्टी


ज़िन्दगानी का फ़लसफ़ा मिट्टी 

आग ,पानी, है और हवा, मिट्टी ।


तेरे दुख का इलाज है सोना

मेरे  हर  दर्द की दवा मिट्टी ।


एक  नन्हे  से  बीज  को  इक  दिन

कर ही देती है क्या ? से क्या ? मिट्टी ।


आसमां सर पे रखने वाले देख

पाओं नीचे  तेरे है क्या ? मिट्टी ।


जिसको ग़म था मिरे न होने का

सब से पहले  वो  दे गया मिट्टी ।


दिल से जो मानिए तो सब कुछ है

वरना  सब    देवी,  देवता   मिट्टी ।


ज़िन्दगी तब समझ मे आ जाती

जब तू दर दर की फांकता मिट्टी ।


तू  भी रोता  है  मैं  भी रोता  हूँ

भाई ,क्यों छोड़ कर गया मिट्टी।


इक ग़ज़ल  ज़िन्दगी  भी है  क़ैसर"

जिसका अन्तिम है क़ाफ़िया मिट्टी ।


              -  कलीम क़ैसर