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Wednesday, June 9, 2021

पीस पार्टी बड़ी तेजी से फ़िर अपने पुराने लौ में वापस आ रही है !



लखनऊ :  पीस पार्टी बड़ी तेजी से फ़िर अपने पुराने लौ में वापस होती हुई दिखाई पड़ रही है । हम बात कर रहे हैं मशहूर विश्वविख्यात सर्जन डॉक्टर मोहम्मद अय्यूब इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं ।

 पीस पार्टी का गठन 10 फरवरी 2008 में हुआ था उसके 1 साल बाद 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ कर के अच्छी खासी लोकप्रियता इकट्ठा करने वाली पीस पार्टी ने बड़े बड़े राजनैतिक पंडितों के गणित को बिगाड़ दिया था ।

 2009 के लोकसभा चुनाव मे गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक कई सीटों पर अपने उम्मीदवारों को खड़ा करके  चुनाव लड़ा करके एक बेहतरीन प्रदर्शन किया था । जिससे राजनैतिक गलियारों में हलचल मच गई थी ।

 पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद  बड़ी तेजी से पूर्व आईएएस आईपीएस रिटायर्ड अधिकारियों के साथ अन्य दलों के नेता भी पीस पार्टी में शामिल हो गए थे ।

 उसके बाद बड़ी तेजी से पीस पार्टी का कारवां आगे बढ़ता चला गया जहां पर 2012 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा के चुनाव में इस पार्टी ने लगभग 250 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर  के तहलका मचाया था ।

पार्टी की जनसभा रैलियों में उमड़ती भीड़  को देख कर के राजनीतिक पार्टियों की नींद उड़ गई थी ।

उसी बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अयूब सर्जन  की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसमें उनको बुरी तरह से चोटे लगी और उनका पैर फैक्चर हो गया इन सब के बावजूद पैर में प्लास्टर लगाकर के व्हील  चेयर पर चल करके उन्होंने अपने प्रत्याशियों के लिए  हेलीकॉप्टर का सहारा लेकर चुनाव प्रचार किया और 2012 के विधानसभा चुनाव में 4 विधायकों को जीत हासिल हुई लगभग 40 से ज्यादा पीस पार्टी के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहते हुए लगभग 5000 या उससे कम वोटों से हारे ।

इससे पार्टी का हौसला बढ़ता ही गया 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खलीलाबाद विधानसभा से विधायक चुने गए । इस प्रदर्शन से बौखलाई अन्य पार्टियों के साथ साथ समाजवादी पार्टी की बेचैनी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई और उसने इनके विधायकों को तोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल करा लिया ।

 जिससे पार्टी के ऊपर एक अलग दबाव बढ़ा फिर भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संघर्ष करते रहे और 2014 के लोकसभा चुनाव में घबराई हुई समाजवादी पार्टी ने इनके कई उम्मीदवारों की नामांकन पत्रों को सरकार के दबाव में निरस्त करा दिया था जिससे पीस पार्टी के कई उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए । जिसमें अंबेडकर नगर लोकसभा की सीट भी शामिल थी उसके बाद इस पार्टी का जनाधार खिसकना शुरू हो गया, लोकसभा चुनाव 2014 विधानसभा चुनाव 2017 फिर लोक सभा चुनाव 2019 में इस पार्टी ने कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई । 

इसी बीच राजनैतिक द्वेषभावना से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को झूठे इल्जाम में फंसाकर 2 बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी ।

 यहां तक कि इनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा भी लगाया गया लेकिन कोर्ट के हस्तक्षेप करने से देशद्रोह का मुकदमा हटा करके इनको जमानत दी गई ।

 जेल से बाहर आते ही इस मर्दे मुजाहिद ने फिर से पीस पार्टी के कारवां को खड़ा करना शुरू कर दिया है जो बड़ी तेजी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन ढांचे को मजबूत करते हुए अब पूर्वी उत्तर प्रदेश के  साथ साथ पूरे परदेश में भी पांव पसारना शुरू कर दिए हैं संगठन को विस्तार देते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुर्जर ने दावा किया है कि 2022 में आम जनता के सहयोग से साधु संतोंओलमाये कराम को साथ लेकर आम जनता के मुद्दों को उठा कर के बड़ी मजबूती से 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ कर कामयाबी हासिल कर सरकार बना करके दबे कुचले कमजोर तबके के लोगों को बिना भेदभाव के कार्य किया जाएगा जिससे संपूर्ण उत्तर प्रदेश में कानून का राज कायम करके पूरे प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाएंगे ।

 वहीं पर प्रदेश प्रभारी इंजीनियर इरफान ने बताया कि बड़ी तेजी से 2022 विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को उतारने की तैयारी चल रही है जिसमें सर्व समाज को भागीदारी दे कर के पूरे प्रदेश में प्रत्याशियों को उतारकर मजबूती के साथ हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करके 2022 का चुनाव लड़ करके उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बना कर विकास के पथ पर ले जाकर के इंसाफ का राज कायम किया जाए ।

 (विज्ञप्ति)