Lucknow:
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में कथित रूप से हुए हजारों करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा करने वाले छात्र नेता एवं अधिवक्ता अजय सम्राट यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार, अजय सम्राट यादव लंबे समय से शासन से यह मांग कर रहे थे कि महाकुंभ घोटाले में संलिप्त अधिकारियों और जिम्मेदार व्यक्तियों पर FIR दर्ज कर उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की जाए। इसी मांग को लेकर वे यूनियन भवन पर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन करने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन पर ठेकेदार शिवन पाठक की शिकायत के आधार पर BNS की धारा 308(5) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
परिजनों और समर्थकों के आरोप
अजय सम्राट यादव के परिजनों का आरोप है कि प्रशासन ने भ्रष्टाचारियों को बचाने और महाकुंभ घोटाले की सच्चाई दबाने के लिए उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। उनका कहना है कि असली दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय एक ईमानदार और संघर्षशील आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
ओबीसी टाइम्स के सवाल पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ का यह मामला कोई छोटा घोटाला नहीं है, बल्कि पिछले नौ वर्षों में लगभग 30,000 करोड़ रुपये का महाघोटाला सामने आया है। उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए।
सामाजिक संगठनों व परिवार की मांग
सामाजिक संगठनों और परिवार के सदस्यों ने सरकार से निम्नलिखित कदम उठाने की मांग की है:
1. अजय सम्राट यादव पर लगाए गए फर्जी मुकदमे को तत्काल वापस लिया जाए।
2. महाकुंभ 2025 के कथित घोटाले की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।
3. दोषी अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।